शुक्रवार, 21 नवंबर 2008

चुएं का पानी उपयोग करना पसंद करते है खेशमी के ग्रामीण

कोडरमा जिले के मरकच्चो स्थित देवीपुर के ग्रामीण आज भी खेशमी नदी पर निर्भर है. नदी से ही बालू हटाकर यानी चुआं बनाकर पीने के लिए पानी निकालते है. इसी से खाना बनाते है और नहाने-धोने का काम भी नदी के पानी से ही करते है. ऐसी बात नहीं कि गांव में कुआं या चापानल नहीं है, बावजूद अधिकतर परिवार चुआं बनाकर बालू के अंदर से पानी निकालते हैं और उसे उपयोग में लाते हैं. इसे सोच का अंतर कहे या आदत, लेकिन है पूरी तरह हकीकत. गांव के बूढ़े-बुजुर्ग बताते है कि नदी का पानी काफी मीठा और निर्मल है. इसीलिए नदी के पानी का उपयोग लोग अपने दैनिक जीवन में करते है. जबकि कुआं और चापानल का पानी खारा है. दाल नहीं गलता है और धोने-नहाने के क्रम में साबुन से झाग भी नहीं निकलता है. दूसरी ओर नदी का पानी भी संक्रमित है, लेकिन ग्रामीण इससे इत्तेफाक नहीं रखते. वे नदी के पानी का हर तरह से इस्तेमाल करते है, जानवर धोते है तो उसी पानी क उपयोग पीने मे भी करते है.

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