सोमवार, 13 जुलाई 2009

..और ग्रामीणों ने अपने बूते किया सड़क निर्माण

प्रशासनिक पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों का आश्वासन पूरा नहीं होते देख ग्रामीणों ने अंतत: अपने ही बलबूते सड़क निर्माण करने का बीड़ा उठाकर समाज को एक अच्छा संदेश देने का काम किया है। यह अनूठी व अनुकरणीय पहल जमुआ प्रखंड अंतर्गत डेगारडीह मौजा के लोरियामों टोले के महिला पुरुषों ने की है। करिहारी पंचायत के लगभग 250 आबादी वाला लोरियामों गांव विकास से अछूता है। मुख्य मार्ग से लगभग डेढ़ किमी दूर अवस्थित इस गांव को जोड़ने वाली पगडंडी की स्थिति भयावह है। ग्रामीण बताते हैं कि नरेगा के तहत एक भी विकास कार्य इस गांव में नहीं हुआ है। विधायक से लेकर सांसद ने यहां के ग्रामीणों को विकास के सपने दिखाए। लेकिन हालत जस की तस है। एक मात्र रास्ता से होकर खासकर बरसात के दिनों में गुजरना यहां के ग्रामीणों के लिये काफी मुश्किल था। ग्रामीणों ने बैठक कर सड़क निर्माण खुद करने का फैसला लिया। सोमवार को दर्जनों की संख्या में महिला, पुरुष एवं बच्चों ने हाथ में कुदाल, टोकरी थामा और सड़क निर्माण में जुट गये। फिर क्या था युद्धस्तर पर कार्य चला। लोरियामों गांव के लोगों की इस अनूठी पहल की ग्रामीणों को सराहना की। साथ ही प्रशासन के उस दावे को भी कठघरे में खड़ा करने का काम किया जो मजदूरों का रोना रोकर नरेगा को इमानदारी से गति देने की इच्छा नहीं रखते। लोरियामों गांव के लोगों का यह सराहनीय कार्य उन जनप्रतिनिधियों के लिए भी करारा जवाब है।

कोई टिप्पणी नहीं: